रंग भरो
इस आग में,
कोई दाग नहीं
सिर्फ़ अनुराग है,
रंग भरी इस दुनिया में
एक ऐसा बेरंग गुलाब है,
जो मन चाहे रंग
अपनाता है,
हर दिल की आग
जब छूता है,
वहाँ दिल अपना
खो जाता है,
और रंगों की
इस महफ़िल में,
शमा से शबनम
बन जाता है
इस आग में,
कोई दाग नहीं
सिर्फ़ अनुराग है,
रंग भरी इस दुनिया में
एक ऐसा बेरंग गुलाब है,
जो मन चाहे रंग
अपनाता है,
हर दिल की आग
जब छूता है,
वहाँ दिल अपना
खो जाता है,
और रंगों की
इस महफ़िल में,
शमा से शबनम
बन जाता है
No comments:
Post a Comment
Do you have a question, thought or comment? Please share them with me....