Thursday, December 5, 2013

जब तुम नहीं होते

जब तुम नहीं होते
मन बावरा
तुझे ढूँढ़ता है -
खिलते हुए फूलों में,
बिखरे हुए मेघों में -
बेरस, बेरंग,
बेबस, बेशब्द;
सपनों के एक
छोटी सी लहर में
खो जाता है,
मन का राग
फिरसे जनम लेता है,
जब तुम नहीं होते

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