Wednesday, May 14, 2014

ख़्वाब और हकीकत

ऑखो की नमी से
ख्वाब छूट जाते है
खामोश आसमान से
चुपचाप मिल जाते है
दूर बादल गून्ज उठते है
थमी-सी समुन्दर झूम उठती है
टूटे दिल के रोम-रोम मे
मस्ती भर जाती है
प्यार भरे दो दिल
जब मिलने लगते है,
ख़्वाब और हकीकत
फिर से जीने लगते है

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